आप वाकई कुछ अच्छा करना चाहते हैं तो पूरे वर्ष के लिए पश्चाताप ना करें, हां ! एक वर्ष बहुत बड़ा होता है, और वेसे भी आप एक वर्ष की बातें याद नहीं रख सकते, आप एक वर्ष क्या एक महीने की भी सारी बातें याद नहीं रख पाते, क्योंकि प्रकृति ने हमारे दिमाग की व्यवस्था ही वैसी की है, आप एक दिन की भी बहुत जरूरी बातें याद रख पाते हैं, बाकी सब भुला दी जाती हैं, वे हमारे अवचेतन में कई जन्मों तक मोजूद रहती हैं, पर हमारी चेतना में कुछ खास बातें ही रहती हैं और अगर आदमी को एक दिन की भी सारी बातें याद रह जाएं तो वो पागल हो सकता है, बल्कि एक दिन की भी जो बातें आदमी को याद हैं वो उन्हें भी याद नहीं रखना चाहता, तभी तो वो रात में शराब आदि का सहारा लेता है।
तो आप सब याद नहीं रख सकते इसलिए सब बातों का पश्चाताप भी नहीं कर सकते। तो आप बस यही कर सकते हैं कि अभी आप जो भी कर रहे हैं सजग होकर करें, आपकी प्रत्येक क्रिया, व प्रतिक्रिया, पश्चाताप व भुला देने वाली नहीं बल्कि शानदार याद और आनंद से सराबोर होना चाहिए। आप इस क्षण के लिए सजग हो जाएं, आने वाले सारे क्षण शानदार होंगे।
ये व्यर्थ की बातें नहीं हैं, में संक्षेप में बता रहा हूं तो आपको ये वेसी लग सकती है, मगर जब से मैंने यह जाना है मुझे किसी भी बात के लिए कभी कोई पछतावा नहीं हुआं है, और आप मेरे सभी लेख पढ़ेंगे तो यह और भी स्पष्ट हो जाएगा ।
रवि शाक्य,
संगीत एवं आध्यात्मिक गुरु।
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