विज्ञान कभी यह नहीं कहता कि यही अंतिम सत्य है।विज्ञान हमेशा आगे की,और जानने की खोज में रहता है।
धर्म कहता है यही अंतिम सत्य है आंख मूंदकर मानो, धर्म कहता है सवाल मत करो जबकि विज्ञान सवालों को आमंत्रित करता है, सवालों के जवाब खोजता है, सवालों का स्वागत करता है। विज्ञान कहता है जानो, और अधिक जानो। धर्म कहता है जानो मत, मानो ।
विज्ञान की खोज कभी पूरी नहीं होती, आज जो सिद्ध हो गया है वह आज तक का है, कल कोई और उसके आगे खोजेगा और पिछला सब बदल जाएगा। विज्ञान में गति है आगे बढ़ने की। धर्म जड़ है, धर्म कहता है इसके आगे कुछ नहीं। यही अंतिम सत्य है, मान लो।
बुद्ध कहते हैं - "अप्प दीपो भव"
अपना दीपक स्वयं बनो। जब जानो तब छानो और सही लगे तब मानो।
ओशो कहते हैं मानो मत, जानो..
ध्यान जानने का उपाय है, और भक्ति मानने का। मगर मानने से किसी को कुछ मिलता नहीं। जानने से ही सबकुछ मिला है। आज तक जो साधन हमें मिले हैं सब पदार्थ से बने हैं जोकि जानने से बनाए गए मानने से कुछ पैदा नहीं हुआ। हम भी पदार्थ से बने हैं विज्ञान ने जानकर बताया है मानकर नहीं।
विज्ञान जो नहीं बता सका उसके बारे में धर्म के पाखंडियों ने बड़ी गप्पें हांकी हैं।
उन गप्प के विरोध में एक ही बग़ावती पुरुष हुए, गौतमबुद्ध।
विज्ञान जो नहीं बता सका वह बुद्ध ने बता दिया।
बुद्ध की खोज में जो निष्कर्ष निकालता है उससे धर्म की दीवारें गिर जातीं हैं, मंदिर मस्जिद टूट जाते हैं, धर्म का धंधा उखड़ने लगता है, इसलिए ब्राह्मणवादी विचारधारा बुद्ध को स्वीकार नहीं सकी। लेकिन बुद्ध का तर्क और ज्ञान ऐसा था कि उसको नकारना भी मुश्किल था। जो भी ज्ञानी पंडित उनसे बहस करने जाता वही उनका शिष्य बन जाता। तब इन पाखंडियों ने एक दूसरा रास्ता निकाला। बुद्ध भारत में ही नहीं विश्व में माने गए, तो नकारना तो मुश्किल था। तब इन्होंने अपने ग्रंथों में यह भी जोड़ दिया कि बुद्ध विष्णु के दसवें अवतार हैं।
नास्तिक ही सही, थोड़े ग़लत किस्म के हैं, लेकिन अवतार तो हैं!
जो भी महान विचारक संत हुआ उसे अपने ग्रंथों में शामिल कर ब्राह्मण बना दिया। कबीर के बारे में वेद में लिख दिया कि कबीर एक ब्राह्मण स्त्री से पैदा हुए। रैदास का गुरु ब्राह्मण था। रैदास क पिछले जन्म में ब्राह्मण थे। जिसको अपना पता नहीं वह दूसरे का पिछला जन्म बता देता है ? वाल्मीकि ब्राह्मण था ?
अभी कुछ लोग तो यह भी कहने लगे कि अंबेडकर पिछले जन्म में ब्राह्मण थे!
इन कपोल मनगढ़ंत गप्पों का कोई अंत होगा ?
धन्यवाद 🙏
Professor Ravi shakya
Real music and spirituality mentor.