Friday, October 4, 2019

युद्ध क्यों होते हैं

दुनिया में जितने भी युद्ध हुए हैं, सब किसी अंधे धृतराष्ट्र की वजह से । तीन हजार साल में लगभग पांच हजार युद्ध इतिहास में मिलते हैं, यानी हर दिन एक से अधिक युद्ध हुए, और जिन दिनों में नहीं हुए तब उनकी तैयारी होती रही होगी।
महात्मा गांधी अगर देश के राष्ट्रपिता ना होकर राष्ट्रपति या प्रधानमन्त्री होते तो आज की बुनियादी समस्याएं और कुछ होती या समस्याएं कम होती, भारत का भूगोल भी अलग होता । क्योंकि, उनके पास ठीक ठीक देखने वाली आंखें थीं, मगर फिर शायद वे महात्मा ना हो पाते, सभी महात्माओं के पास ठीक आंखें होती है, मगर महात्मा राजा नहीं होते, गुरु हमेशा सलाहकार रहे हैं रााजाओं के। जबकि गुरु ही राजा को बनाते हैं, और फिर राजा के हाथों की कठपुतली। गांधी जी भी भीष्म पितामह की तरह ही किसी अंधे धृतराष्ट्र के हाथों मजबूर रहे होंगे आप समझ सकते हैं । मेरे ख्याल से अगर कोई मानवतावादी है तो उसे इंसान की, परिवार और समाज की भलाई के बारे में ही सोचना चाहिए, और सत्ता पाना है तो राजनीति करना चाहिए,
नहीं तो समाज में राजनीति और राजनीति में समाज घुस जाते हैं, और तब संघर्ष अनिवार्य है।
दुनिया के सब युद्ध किसी अंधे राजा की महत्त्वाकांक्षा का परिणाम हैं। बात देश की ही नहीं व्यक्तियों की भी है, परिवार में भी सत्ता जब महत्वाकांक्षा में बदलती है तो संघर्ष व शोषण ही परिणाम होते हैं ।
पूज्य बापू को नमन।

रवि शाक्या,
संगीत एवं आध्यात्म गुरु

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