Saturday, December 28, 2019

शिक्षक

यदि हमारे शिक्षक प्रसन्नता को ही अपना कर्त्तव्य पालन स्वीकार लेते, और यह कला हमें भी सिखा देते, तो यह संसार आज की तुलना में कुछ और भी खूबसूरत होता।
लाओत्से।

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