Tuesday, March 2, 2021

जीवन का संगीत

कुछ बातें कुछ समय के लिए कुछ लोगों पर लागू होती हैं, परंतु हर बात हर समय सभी पर लागू नहीं होती मेरे दोस्त। कोई भी विचार व्यक्तिगत तो हो सकता है, पर हम उसका सामान्यीकरण करके लकीर नहीं बना सकते जिस पर से सभी को गुजरना है। हो सकता है में आपके लिए कम महत्वपूर्ण हूं और आपके बगल में बैठा इंसान भी आपके लिए कम महत्वपूर्ण हो लेकिन हम तीनों के बीच जो जीवन की धारा बह रही है वही महत्वपूर्ण है। एक छोर पर आपको में दिखाई देता हूं और दूसरे छोर पर दूसरा, तीसरे छोर पर आप हैं। और हम तीनों के बीच जो जीवन है वह दिखाई नहीं देता। लेकिन वह जगह भी खाली नहीं है। सुना होगा कि शून्य भी मात्र शून्य नहीं है, और सत्य शब्दों में नहीं कहा जा सकता। सुना होगा कि रिक्तता तोड़ती नहीं जोडती है। तो जिस भांति में देखता हूं मुझे हम तीनों के बीच जो खाई, गड्ढे हैं वे दिखाई नहीं देते क्योंकि उनका कोई मोल नहीं है, और सारी बातें दो कौड़ी की हैं यदि हम अपने बीच की उस बहती हुई जीवन धारा को न देख सके, जिसके कारण ही आप भी जिंदा हैं और मैं भी। लेकिन वह है।और उसे देखने के लिए जो आंख चाहिए वह हमारे पास नहीं हैं शून्य को जो भरे हैं, रिक्त को जो पूर्ण किए हैं, वे जीवन के संगीत की जो धारा है उसे देख सकते हैं। जीवन का असली संगीत खंड - खंड, तुकड़ों में जीने में नहीं बल्कि उसकी पूर्ण समग्रता में जीने में है। और जिन्होंने भी इस सत्य को जान लिया है उन्हें अब और कुछ भी जानने की आवश्यकता नहीं रही है।

पं. रवि शाक्य
संगीत एवं आध्यात्मिक गुरु।

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